तलौ पकौड़े तेल मा, मोदी जी समझाय।
तेल लेन विकास गवा, ना जाने कब आय॥
दया आपकी शान से, तलूँ पकौड़े आज।
चाय पिलाऊँ साथ में, राम-लला का राज॥
जेटली जी की केतली, गुड़-गुड़ कर गरमाय।
भापै-भाप निकल रही, चाय नजर ना आय॥
चौकीदार मस्त मिला, पिछलन को गरियाय।
जेखा जित्ता चाहिए, बैंक लूट भग जाय॥
पहिन जनेऊ बन गये, भोले बाबा भक्त।
पर भोली जनता नहीं, पप्पू पर अनुरक्त॥
राजकुँवर बौरा गये, अइसी भाँग चढ़ाय।
घोटाले जो खुद किये, बिलकुल दिये भुलाय
भ्रष्टाचार ख़तम हुआ, केजरीवाल उजास।
राजसभा को देख कर, गुप्त हुआ विश्वास॥
जन-सेवा में हैं निरत, युग-पुरुष सरकार।
मुख्य सचिव से हो रही, जम जूतम-पैजार॥
होली (३ मार्च) २०१८
बंगलौर