आज नतीजा आ रहा, माँ को लगी है आस।
कम से कम इस बार तो, हो जाए पप्पू पास॥
जाति-धर्म की गणित का, खूब किया अभ्यास।
सूत्र सिद्ध किसका हुआ, सबको यही कयास॥
महापुरुष कोशिश करें, साँठ-गाँठ हो जाय।
फिसड्डी भी न भाव दे, शून्य नजर अब आय॥
दीदी की दादागिरी, भद्र लोक है दंग।
आज पता चल जायगा, जनता बड़ी दबंग॥
बुआ-भतीजा साथ में, लड़ तो लिया चुनाव।
खटका दोनों को लगे, कौन छोड़ दे नाव॥
खेल गजब का देखिए, दो टीम एक ओर।
बाइस बैटिंग कर गए, देखें कितना स्कोर॥
बैठ गुफा में सोचते, कितना किया विकास।
मिल न जाए हमें कहीं, सत्ता से संन्यास॥
२३ मई २०१९
बंगलौर