एक छोटी सी लफ़्फ़ाज़ी पेश है, उम्मीद है कि IIT कानपुर के साथियों को उन दिनों की याद आकर गुदगुदाएगी:
चुपके चुपके खंडू का साइकिल छिपाना याद है
हमको अब तक I.I.T. का वो ज़माना याद है
पहले साल सस्ते में साइकिल पुरानी खरीदना
चौथे साल उसी भाव फिर बेच आना याद है
पूरे semester भर बकैती, नाक में दम कर दिए
End-Sem का पर्चा देख कंपकपाना याद है
कह रहे थे M.T.Motor Transport: IIT कानपुर के अंदर बस अड्डा जहाँ हम चाय, समोसा, लस्सी, और आधी रात को सुट्टे के लिए जाते थे पर आकर मिलो हमसे कभी
मिले तो मेरे पैसों से मुझे लस्सी पिलाना याद है
रात के बारह बाजे canteen में दोपहर हुई
एक मैगी, दो पराठे, सुबह सो जाना याद है
आ रहे थे वो कहीं से SACसैक, Student Activity Center: IIT gate से पहला पड़ाव, landmark जहाँ से acadmic area, छात्रावास (sudent hostel) आदि की शुरुवात होती थी के चौराहे पर
"बेसबब" रुक कर ना-मालूम क्या बताना याद है
९ सितंबर २०१६
बंगलौर