बदनाम होकर भी मियाँ

बदनाम होकर भी मियाँ ढके ढके से हैं
लगाकर लबों से जाम बस चखे चखे से हैं

नश्तर नुकीले खंजरों का मजमासभा, मंडली, gathering, congregation लगा हुआ
फिर बात क्या है आप कुछ कटे कटे से हैं

जिद्द-ओ-जोहदजिद्द-ओ-जोहद (जद्दोजहद) : संघर्ष, struggle में धूप में भी जोश था जिन्हें
अब मिल गयी है छाँव तो थके थके से हैं

हो चुके हैं क़त्ल या इरादा है क़त्ल का
कुछ तो वजह है आप यूँ सजे सजे से हैं

महसूलकर, tax है कफ़न पर मुनासिब नहीं मरना
समझिए न "बेसबब" कि हम मरे मरे से हैं

७ जुलाई २०१७
बंगलौर