बरसना था मगर मैं रुख हवा का मोड़ आया हूँ
भटकती कुछ बदलियों को अकेला छोड़ आया हूँ
भिगो दे आज तू बारिश मुझे अपनी रवानीबहाव, गति, flow, speed में
बड़ी तरतीबतरीका, कायदे से, सलीके से, method, arrangement से छतरी सुखा कर छोड़ आया हूँ
उठाता हूँ नज़र ऊपर कि भर लूँ आँख में बूँदें
घटाएँ आसमानों पे बरसती छोड़ आया हूँ
फ़ज़ा-ए-नमनम मौसम, wet weather ये रेगिस्ताँ मुझे हमदर्द कहता है
समझता है कि मैं अपना समन्दर छोड़ आया हूँ
कहीं तो रह गयी थी "बेसबब" हसरत कलेजे में
तभी तो तिलमिला कर बात चुभती छोड़ आया हूँ
३१ जुलाई २०१६
बंगलौर
PS:
बहर/मापनी: हज़ज (१२२२ x ४) चार मु-फ़ा-ई-लुन
रदीफ़/पदांत: आया हूँ
क़ाफ़िया/समांत: ...ओड़